कब और क्यों मनाई जाती है माघ पूर्णिमा? जानें इसका महत्व
माघ पूर्णिमा के दिन चंद्रमा अपनी संपूर्ण कलाओं के साथ आकाश में स्थित होता है। यह दिन माघ मास का अंतिम दिन होता है। धार्मिक दृष्टि से इस दिन गंगा स्नान, दान-पुण्य और जप-तप का अत्यधिक महत्व बताया गया है।
Img Banner
profile
Sanjay Purohit
Created AT: 5 hours ago
14
0

हिंदू धर्म में माघ पूर्णिमा का विशेष महत्व बताया गया है, क्योंकि इस दिन स्नान, दान और जप करने से भक्तों को विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है। इस अवसर पर गंगा स्नान करने से आत्मिक शुद्धि प्राप्त होती है और व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इस वर्ष माघ पूर्णिमा 11 फरवरी की शाम 6 बजकर 55 मिनट से प्रारंभ होकर 12 फरवरी की शाम 7 बजकर 22 मिनट तक रहेगी। उदया तिथि के अनुसार इस पर्व को 12 फरवरी को मनाया जाएगा। इस साल महाकुंभ के दौरान माघ पूर्णिमा का महत्व और भी बढ़ गया है। इस शुभ अवसर पर श्रद्धालु प्रयागराज स्थित त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगांएं।

माघ पूर्णिमा का धार्मिक महत्व

हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ पूर्णिमा के दिन चंद्रमा अपनी संपूर्ण कलाओं के साथ आकाश में स्थित होता है। यह दिन माघ मास का अंतिम दिन होता है और इसके उपरांत फाल्गुन माह का प्रारंभ हो जाता है। धार्मिक दृष्टि से इस दिन गंगा स्नान, दान-पुण्य और जप-तप का अत्यधिक महत्व बताया गया है। ऐसा माना जाता है कि इस पावन तिथि पर देवगण स्वयं गंगा नदी में स्नान करने के लिए धरती पर अवतरित होते हैं। इसलिए इस दिन गंगा स्नान करना बेहद शुभ माना जाता है।

माघ पूर्णिमा का ज्योतिषीय महत्व

ज्योतिषीय दृष्टिकोण से माघ पूर्णिमा का विशेष स्थान है। इस दिन चंद्रमा कर्क राशि में स्थित होता है और सूर्य देव मकर राशि में प्रवेश करते हैं। इस खगोलीय संयोग के कारण, यह दिन अत्यधिक प्रभावशाली माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से सूर्य और चंद्रमा से संबंधित दोषों का निवारण होता है और व्यक्ति के जीवन में शांति एवं समृद्धि आती है। ब्रह्मवैवर्त पुराण में उल्लेख किया गया है कि इस दिन स्वयं भगवान विष्णु गंगा जल में निवास करते हैं। इस दिन गंगा स्नान और भगवान विष्णु की पूजा करने से भक्तों को विशेष कृपा प्राप्त होती है। इस दिन दान-पुण्य करने का भी विशेष महत्व बताया गया है।


ये भी पढ़ें
सीएम की घोषणा,कटंगी और पौड़ी बनेगी तहसील,लाड़ली बहना योजना सम्मेलन में शामिल हुए सीएम

Spiritual

See all →
Richa Gupta
भारत के इन मंदिरों में भक्तों के लिए लागू है ड्रेस कोड
किसी भी धार्मिक स्थल पर लोगों को बहुत नियमों का पालन करते हुए देखा जाता है। यहां तक कि अगर कोई व्यक्ति किसी धार्मिक जगह पर जाता है वह अपने पहनावे का भी खास ध्यान रखता है।
15 views • 2 hours ago
Sanjay Purohit
कब और क्यों मनाई जाती है माघ पूर्णिमा? जानें इसका महत्व
माघ पूर्णिमा के दिन चंद्रमा अपनी संपूर्ण कलाओं के साथ आकाश में स्थित होता है। यह दिन माघ मास का अंतिम दिन होता है। धार्मिक दृष्टि से इस दिन गंगा स्नान, दान-पुण्य और जप-तप का अत्यधिक महत्व बताया गया है।
14 views • 5 hours ago
Richa Gupta
बांझ को भी मिलता है संतान का सुख, जानें अबार माता मंदिर की कहानी
माता के हर मंदिर के पीछे कोई न कोई मान्यता, कोई कहानी, कोई रहस्य अवश्य होता है। ऐसा ही एक रहस्य जुड़ा है बुंदेलखंड़ की अबार माता के मंदिर से जो बंडा क्षेत्र में सागर-छतरपुर की सीमा पर स्थित है।
22 views • 2025-02-04
Sanjay Purohit
आंखों से जानें जिंदगी से जुड़े राज, इस बारे में क्या कहता है सामुद्रिक शास्त्र
अक्सर आपने लोगों को कहते सुना होगा, यदि आपको किसी व्यक्ति के दिल की बात जाननी है तो उसकी आंखों में बस एक बार देख लें। दरअसल मनुष्य की आंखें उसके दिल का दर्पण होती हैं। सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार दिल के सारे राज खोलती है आंखे। किसी की आंखों को देखकर आप उनकी सोच और उनके व्यक्तित्व का आसानी से पता लगा सकते हैं।
44 views • 2025-02-04
Richa Gupta
बसंत पंचमी पर करें माता सरस्वती के इन 3 प्रसिद्ध मंदिरों के दर्शन
बसंत पंचमी का पर्व माता सरस्वती को समर्पित है। विद्या, कला और संगीत की देवी सरस्वती जी की इस दिन पूजा-अर्चना की जाती है। यह त्योहार प्रत्येक वर्ष माघ मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है।
21 views • 2025-02-03
Sanjay Purohit
कल मनाई जाएगी नर्मदा जयंती, घाटों पर उमड़ेगा श्रद्धालुओं का जनसैलाब
पतित पावनी मां नर्मदा की जयंती माघ मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाई जाती है। नर्मदा जयंती के दिन नर्मदा नदी के घाटों में श्रद्धालुओं का जन सैलाब उमड़ता है और वे मां के दर्शन कर आशीर्वाद पाते हैं।
145 views • 2025-02-03
Sanjay Purohit
रत्नों का ग्रह-नक्षत्र और मानव जीवन पर प्रभाव,जानिए मुख्य रत्नो के बारे में
रत्नों को रत्न यूं ही नहीं कहा जाता है। इनमें कुछ खास तत्व और क्षमताएं होती हैं जो इन्हें आम पत्थरों से अलग बनती हैं और इन्हें रत्न नाम दिलाती है। विज्ञान भी मानता है कि रत्नों में चुम्बकीय क्षमता होती हैं जो संबंधित ग्रह की ऊर्जा को अवशोषित करके रत्न धारण करने वाले को लाभ दिलाती है।
134 views • 2025-02-03
payal trivedi
आज का राशिफल 03 फरवरी 2025: मेष से मीन राशि तक कैसा रहेगा आपका दिन? जानें आज किन बातों का रखना होगा ध्यान
राशिफल को निकालते समय ग्रह-नक्षत्र के साथ साथ पंचांग की गणना का विश्लेषण किया जाता है। दैनिक राशिफल ग्रह-नक्षत्र की चाल पर आधारित फलादेश है, जिसमें सभी राशियों (मेष, वृष, मिथुन, कर्क, सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक, धनु, मकर, कुंभ और मीन) का दैनिक भविष्यफल विस्तार से बताया जाता है।
138 views • 2025-02-03
Sanjay Purohit
बसन्त पंचमी 2025 : कहा हैं विलुप्त सरस्वती?
मानव का सम्पूर्ण जीवन सोलह संस्कारों से आवेष्टित है, सभी संस्कारों में यज्ञोपवीत ऐसा महत्वपूर्ण संस्कार है जिसके सम्पन्न होने पर व्यक्ति एकज से द्विज हो जातेहैं। प्रयागराज में विद्या की अधिष्ठात्री भगवती सरस्वती विराजमान है।
126 views • 2025-02-03
payal trivedi
आज का राशिफल 02 फरवरी 2025: मेष से मीन राशि तक कैसा रहेगा आपका दिन? जानें आज किन बातों का रखना होगा ध्यान
राशिफल को निकालते समय ग्रह-नक्षत्र के साथ साथ पंचांग की गणना का विश्लेषण किया जाता है। दैनिक राशिफल ग्रह-नक्षत्र की चाल पर आधारित फलादेश है, जिसमें सभी राशियों (मेष, वृष, मिथुन, कर्क, सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक, धनु, मकर, कुंभ और मीन) का दैनिक भविष्यफल विस्तार से बताया जाता है।
183 views • 2025-02-02